जंगल में प्रथम वेताल के आगमन से पूर्व यहाँ के सभी कबीले आपस में निरन्तर संघर्ष करते रहते थे. वेताल के कई पूर्वजों के लगातार प्रयासों का नतीजा है कि अब यहां शांति स्थापित है. हालांकि जंगल के अधिकांश कबीले वेताल के साथ मित्रवत आचरण करते हैं लेकिन कुछ कबीले अभी भी अपने सदियों पुराने स्वरूप को बनाये हुए हैं और जंगल के नियमों पर चलने में ही विश्वास करते हैं.
वेताल प्रदेश में निवास करने वाली कुछ प्रमुख जातियाँ हैं:
१. बांडार बौने - बौने बांडार घने जंगल के बीचों-बीच बीहड़बन (Deep Woods) में निवास करते हैं और वेताल के सबसे घनिष्ठ सहयोगी हैं. वेताल के रहस्य को जानने वाले ये अकेले हैं और बीहड़बन की रक्षा करना इनकी जिम्मेदारी है. ये लोग अपने जहर बुझे तीरों के कारण अन्य सभी जातियों के लिये भी भय का कारण हैं. इनके होते कोई बाहरी व्यक्ति बीहड़बन तक पहुचने की सोच भी नहीं सकता. इनका मुखिया गुर्रन है जो वर्तमान वेताल का बचपन का मित्र है. | |
२. वाम्बेसी - जंगल की दो सबसे बड़ी जातियों में से एक. ये लोग मुख्यतः खेती-किसानी पर निर्भर करते हैं और वेताल को अपना मित्र मानते हैं. वाम्बेसी जंगल की सबसे धनी जाति है. | |
३. लोंगो - जंगल की दूसरी बड़ी जाति. वाम्बेसियों से इनकी नहीं बनती पर 'वेताल शांति संधि' के अनुसार ही चलते हैं. इनके जीवन-यापन का मुख्य स्त्रोत पशु-पालन है. पूरे जंगल में लोगों जाति सर्वाधिक भाग्यशाली मानी जाती है. | |
४. मोरी - मोरी मछुआरों की बस्ती समुद्र तट पर बसी हुई है. ये समुद्र से मछलीयाँ पकड़ते हैं. वेताल के मित्र द्वीप पर पलने वाले शेरों और बाघों के लिये मछलियां पहुंचाने की जिम्मेदारी इनकी ही है. | |
५. ऊँगान - फ़ुसफ़ुसाते कुंज (Whispering Grove) के पास के जंगल में निवास करने वाले ये लोग उंचे दर्जे के कलाकार हैं. ऊँगान लोग लकड़ी से कमाल की कलाकृतियाँ गढ़ने में माहिर हैं. खेलों में भी ये लोग आगे रहते हैं. जंगल ओलम्पिक का चैम्पियन अक्सर इसी कबीले से होता है. |
वहीं कुछ हिंसक और लड़ाकू जातियाँ भी हैं जो गाहे-बगाहे अन्य जातियों के लिये परेशानी का सबब बनती रही हैं. ये हैं:
१. तिरांगी - सबसे खतरनाक जातियों में पहला नाम आता है तिरांगी का. पहाड़ी ढलानों पर रहने वाले ये लोग वेताल शांति में विश्वास नहीं करते थे. खून-ख़राबा और हिंसा ही इनकी पहचान होती थी. सिरों के शिकारी के तौर पर कुख्यात तिरांगी नरभक्षी भी थे लेकिन वेताल ने ये सब बंद कराया. (इनसे मिलेंगे अंक १८८ 'तिरांगी के नरभक्षक' में)
२. मसाऊ - घने जंगल के बीचों-बीच निवास करने वाले मसाऊ लोग बेहद खतरनाक और कुटिल हैं. ये अक्सर अन्य जातियों को मूर्ख बनाकर उनसे सामान आदि लूटते रहते हैं. बिना किसी हिचकिचाहट के किसी की भी जान ले लेना इनके लिये बेहद आसान काम है. बाकी जंगलवाले इनसे घबराते हैं और दूरी बनाये रखते हैं. (इनसे मिलेंगे अंक ००७ 'नरभक्षी वृक्ष' में)
इनके अलावा और भी कुछ जातियाँ हैं जिनका जिक्र आता रहता है. इनसे मुलाकात होती रहेगी. लेकिन आज बस इतना ही.
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11 टिप्पणियां:
"wow very interetsing....and amezing.."
Regards
वाह मजा आया जारी रहे
ये क्या किया आपने ? अचानक से आए और उठा के यादो के गलियारों में छोड़ आए ? भाई बहोत धन्यवाद। मन बहोत बहोत पीछे चला गया। सुखद यादें कोई चिंता फ़िक्र नही, बस अपना बचपन और अपन, अब वो फुर्सत कहाँ ?? आज से आपके ब्लॉग का प्रशंसक मै !!!
मिथकीय ! फिर भी कितना वास्तविक सा है !
हर जाति की खसूसियत उस के वातावरण और जीवन यापन के साथ जुड़ी है। अच्छा विश्लेषण है।
अदभुत ।
बहुत बहुत पुराने दिन और उन दिनों के दिवास्वप्न याद आ गये ।
काश कि भोपाल की इकतेदार लाईब्रेरी फिर से मिल जाए और चवन्नी में किराए पर ले आएं वेताल ।।
bahut badiya varnan kiya hai aapne bilkul yaaden taaza ho gayi. Pura vetal pardesh aankhon ke samne gumne laga.
-Satish
seema gupta जी: धन्यवाद. आपका स्वागत है.
मसिजीवी जी: मुझे प्रसन्नता हुई. जारी रहेगा.
इंडियन जी: लगभग सभी की यही कहानी है. बचपन के मीठे दिनों को याद करने का एक जरिया हैं ये कॉमिक्स, खास तौर पर इन्द्रजाल कॉमिक्स. आप को यहां पाकर बेहद खुशी हुई.
इन्द्रजाल प्रेमियों में जुड़ने पर भी धन्यवाद.
Arvind Mishra जी: सच कहा आपने. वेताल का जादू ऐसे ही निर्मित नहीं हो गया था. उच्च दर्जे की कल्पनाशीलता का परिणाम था. आपका धन्यवाद.
दिनेशराय द्विवेदी जी: बहुत-बहुत धन्यवाद.
yunus जी: अरे वाह युनुस भाई. आपको यहां देखकर अच्छा लगा. चवन्नी में किराये पर लाकर तो हमने भी बहुत चित्रकथायें पढ़ी हैं. लेकिन.... गुजरा हुआ जमाना, आता नहीं दुबारा...
Satish जी: बहुत धन्यवाद सतीश जी.
I like them very much.
Haiku Poems
कामिक्स का कीड़ा कहा जाये तो कम नहीं होगा ,वेताल का भुत ऐसा सवार हुआ की आज भी दुसरो के फड्डे में टांग मारने की आदत है ,,,,,,,,,मोटो पतलू हो या डैडी जी या फिर लम्बू मोटो ,बहादुर हो या रिप केबी ,,या फिर सुपरमैन ,,,,,,,,,,सब का भुत हम पर सवार है ,,,,,,,,,,एक खोजी रिपोटर से लेकर एक प्राइवेट जासूसी एजेंसी की जिम्मेदारी सम्भाल ली है ,,,,,,,,,,अपने शहर रायपुर से लेकर देहली तक अभी भी कामिक्स के पात्रो को सजीव करने में लगा हुआ हु,,,,जय हिंद वन्देमातरम
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