१९६२ में विल्सन मकॉय के न रहने पर साय बैरी ने वेताल कथाओं के चित्रांकन कार्य का दायित्व संभाला. उन्होंने ली फ़ॉक के साथ मिलकर वेताल के रहस्यमय लोक में अनेक नई अवधारणाओं का समावेश किया. सत्तर के दशक में दुनिया भर में वेताल की लोकप्रियता शिखर पर थी. जोश से भरे हुए फ़ॉक और बैरी मिलकर एक से बढ़कर एक कहानियाँ रच रहे थे.
ये वो समय था जब दुनिया के कई देशों में सैनिक शासकों का आगमन हो रहा था और इन देशों में लोकतंत्र के समर्थक कुचले जा रहे थे. वेताल कथाएँ भी इस उथल-पुथल भरे समय में इस सब से अछूती नहीं रहीं. बंगाला और आइवरी लाना नामक दो देशों की कल्पना की गयी और नये प्रकार के शहरी खतरों का सृजन किया गया. प्रस्तुत कहानी में कुछ ऐसी ही स्थितियाँ नजर आती हैं जब कुछ आतंकवादी, वेताल के समस्त परिवार का अपहरण कर लेते हैं और फ़िरौती में अपने कुछ साथियों की रिहाई मांगते हैं. वेताल के लिये एक और कार्य, और इस बार उसके व्यक्तिगत हित भी जुड़े हुए हैं.
सर्वप्रथम यह कहानी एक सण्डे स्ट्रिप के रूप में वर्ष १९८२ में प्रकाशित हुई थी और उसके अगले वर्ष १९८३ में इन्द्रजाल कॉमिक्स में भी प्रकाशित हुई. इस दौरान भारत में पंजाब, अलगाववाद की आग में सुलग रहा था. आतंकवादी शब्द जो कि अब बड़ा ही आम सा शब्द हो गया है, उन दिनों सुनने में आना शुरू ही हुआ था. इस कॉमिक्स मे इस शब्द को देखा जा सकता है.
पर क्या शानदार दिन थे उस पीढ़ी के बच्चों के लिये. वेताल जैसे महानायक की कहानियाँ एक दूसरे ही लोक की सैर करा देती थीं. टीवी वगैरह भी नहीं था, तो ऐसे में इन विश्वस्तरीय कहानियों में रोमांच के पल ढूढना एक बड़ा ही मनोरंजक शगल हुआ करता था. हर सात दिन में एक नयी इन्द्रजाल कॉमिक्स बाज़ार में आती थी और उसे पढ़कर खत्म करने के साथ ही नये अंक की प्रतीक्षा प्रारम्भ हो जाती थी.
आप आनंद लीजिये इस मजेदार कहानी का.
एक आवश्यक बात इस ब्लॉग को प्रारम्भ करते समय मेरा विचार यहां कॉमिक्स पोस्ट करने का नहीं था बल्कि इन्द्रजाल कॉमिक्स के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी बांटने/लेने और चर्चा करने का था. इच्छा यही थी कि वे सभी व्यक्ति जिनके जीवन के कुछ न कुछ पल इन अविस्मरणीय कहानियों और चरित्रों से कहीं न कहीं जुड़े हुए महसूस करते हैं, अपनी स्मृतियाँ ताजा करेंगे और सभी के साथ अपने मीठे अनुभवों को बांटेंगे. पर मुझे खेद है कि ऐसा हो नहीं पाया. प्रारम्भ में ही यहां भी कॉमिक्स पोस्ट करने के लिये अनुरोध आने लगे और फ़िर बस यहाँ कॉमिक्स ही पोस्ट होते रह गये. और फ़िर धीरे-धीरे प्रमुख अनुरोधकर्ता भी नदारत हो गये.नये वर्ष में मैं इस स्थिति में कुछ बदलाव देखने का इच्छुक हूं. अधिक जोर चर्चा पर रहे, ऐसा प्रयास करूंगा, हालाँकि कॉमिक्स भी साथ में आती रहेंगी. आप सभी लोगों से भी इसमें जुड़ने का अनुरोध है. अपनी यादों को हम सभी के साथ शेयर कीजिये. आखिर हम सभी के दिल में कहीं एक छोटा बच्चा छुपा होता है ना. |
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