इतिहास से लेकर महापुरुषों के जीवन चरित्र तक, मायथॉलॉजी से लेकर हास्य विनोद तक, प्राचीन भारतीय महाकाव्यों से लेकर सुरुचिपूर्ण आधुनिक ग्रन्थों तक का संसार समेटे पाँच सौ के लगभग अमर चित्रकथाएँ आज भी अपनी ओर आकर्षित करती हैं.
इनमें से कुछ के आवरण चित्रों को सजाया है आज की इस पोस्ट में. आशा है पसन्द आएँगे.
वैसे ये इन्द्रजाल कॉमिक्स से हटकर पोस्ट है पर कभी-कभी कुछ अलग भी चलता है ना.
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2 टिप्पणियां:
betal ki kahani mil sakti hai kya,mera bachpan yad aajayega.
शुक्रिया अमरचित्र कथा के बारे में बताने का। अंगुलिमाल, वसन्तसेना आदि तो जाने कितनी बार पढ़ी थी। अमरचित्रकथा के ज़रिये भारतीय माइथोलाजी के बारे में बहुत कुछ जाना था हमने। ये जानकर अच्चा लगा कि ये अभी भी प्रकाशन में है।
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