Saturday, March 7, 2009

"अंधेरों की रानी" के मोहक मायाजाल में फ़्लैश गोर्डन

इन्द्रजाल कॉमिक्स के सर्वाधिक लोकप्रिय चरित्रों में फ़्लैश गोर्डन का नाम शामिल किया जाता है. इस अंतरिक्ष-यात्री नायक की कहानियां विज्ञान फ़ंतासियों में बेहतरीन गिनी जाती हैं. इन कहानियों पर आधारित कई फ़िल्में एवं धारावाहिक भी बन चुके हैं. सत्तर के दशक में जब मानव मन की जिज्ञासा और नयी खोजों के प्रति उसकी निरन्तर बढ़ती क्षुधा दुनिया के समक्ष गहन अंतरिक्ष के नित नये द्वार खोल रही थी, तब इन कल्पनाशील कहानियों को पढ़ना एक अलग ही रोमांचक अनुभव होता था.

आज की कहानी है वर्ष १९८५ से "अंधेरों की रानी". आइये पढ़ते हैं:

कहानी:
मोंगो गृह का क्रूर और अत्याचारी शासक मिंग एक रहस्यमय बीमारी की चपेट में आकर बेहोशी की अवस्था में बिस्तर पकड़ गया है. कुछ ऐसी व्यवस्था की गयी है कि जब तक इस अज्ञात रोग का इलाज नहीं ढूंढ लिया जाता, उसे बेहोश रखा जा सकता है. स्वभावतः दयाहीन और दमनकारी मिंग को किसी मानव पर भरोसा नहीं है और उसके स्वास्थ्य पर निगरानी रखने का जिम्मा पूरी तरह स्वचालित मशीनों पर ही है. मिंग की अनुपस्थिति में उसका अपना सृजन अर्ध-मानव, अर्ध-रोबोट क्लाइटस, राजगद्दी सम्भाले हुए है.

अपने शासनकाल में मिंग ने अनेक गृहों पर आकृमण कर वहां से लूट कर अकूत सम्पदा एकत्र की है. मिंग की बहन चुड़ैल रानी अजूरा इस सम्पत्ति, जिसे किसी गोपनीय स्थान पर छुपाया गया है, में अपना हिस्सा चाहती है. वह क्लाइटस को सुझाव देती है कि मिंग को मरने दिया जाये और उसकी दौलत वे आपस में बांट लें. प्रकटतः क्लाइटस इसका विरोध करत है और कहता है कि वह मिंग के हितों की रक्षा के लिये ही बनाया गया है, परन्तु वास्तव में उसका विचार स्वयं पूरी सम्पत्ति पर अकेले कब्जा जमाने का है. आखिर वह मिंग जैसे कुटिल मस्तिष्क की उपज है. क्रूरता और नीचता में वह अपने स्वामी मिंग की ही तरह है. अजूरा और क्लाइटस में टकराव होता है और अपने जादू के बल पर रानी अजूरा उसे पत्थर का कर देती है.

लेकिन अपने दुश्मनों के बीच अंधेरों की रानी के नाम से विख्यात चुड़ैल रानी अजूरा के भीतर भी कहीं एक इन्सान का दिल धड़कता है. उसकी दो विशेष ख्वाहिशें हैं - एक, अपने राज्य की गरीब जनता तक खुशहाली पहुंचाना और दूसरे फ़्लैश गॉर्डन का प्यार पाना, जिसे उसने डेल आर्डन के हाथों खो दिया है. डेल में उसे अपना प्रतिद्वंदी नजर आता है.

इधर फ़्लैश और साथी एक अजीब उलझन में हैं. अपने पुराने शत्रु मिंग की इस अवस्था से शायद उन्हें लाभ होना चाहिये, लेकिन इन परिस्थितियों में कुछ नई समस्याएँ जन्म लेने लगी हैं. मोंगो गृह के सामंत और कबीले अपना-अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिये वर्चस्व की लड़ाई में कूद पड़े हैं. ऐसे में सबसे बड़ी आपदा आम जनता को झेलनी पड़ रही है. फ़्लैश नहीं चाहता कि इस प्रकार की स्थिति निर्मित हो और आगे पनपे. वह अजूरा से सम्पर्क करता है, हालांकि डेल की ऐसी इच्छा नहीं है.

अजूरा, पृथ्वी से अतींद्रिय शक्तियों के स्वामी किशोर 'विली' को बुलवा लेती है. ब्रह्माण्ड के तीन महा शक्तिशाली मस्तिष्क मिलकर उस खजाने को हासिल कर लेंगे, ऐसा उसका विश्वास है. अपनी जादुई शक्ति से वह पता लगा लेती है मिंग का खजाना, मोंगो के एक छोटे से उपगृह 'क्रोमाग' पर छुपाया गया है. अजूरा फ़्लैश और विली, खजाने की खोज में निकलने की तैयारी कर रहे हैं.

इस बीच क्लाइटस पर चलाये गये मंत्र का प्रभाव समाप्त हो जाता है और वह सामान्य अवस्था में आ जाता है. क्लाइटस बुरी तरह भन्नाया हुआ है और बदला लेने के लिये बेताब है. अपनी स्वयं की अगुवाई में वह एक शक्तिशाली सेना लेकर अजूरा के राज्य पर आक्रमण कर देता है. फ़्लैश, अजूरा और विली अपनी सम्मिलित मानसिक शक्तियों का सहारा लेकर क्लाइटस के हवाई बेड़े को भ्रमित कर प्रथम आक्रमण को निष्फ़ल कर देते हैं. अब फ़्लैश और क्लाइटस का आमना-सामना होता है. फ़्लैश की स्थिति कमजोर पड़ रही है क्योंकि एक अति शक्तिशाली अर्ध-मानव की शारीरिक शक्ति का मुकाबला करना कठिन है. अजूरा और विली चाह कर भी उसकी मदद नहीं कर पा रहे हैं. दूसरे फ़्लैश भी अकेले दम पर उससे निबटना चाहता है.

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जरा रुकिये - यहां कहानी अपने क्लाईमैक्स तक पहुंच चुकी है. जो मित्र स्वयं इस कॉमिक्स का आनन्द उठाना चाहते हैं, उनके लिये चेतावनी है कि आगे का हाल पढ़ना उनका मजा खराब कर सकता है. उन्हें चाहिये कि वे कॉमिक्स डाउनलोड कर स्वयं इस रोचक कथा का अंत जानें. बाकी मित्र पढ़ना जारी रख सकते हैं.
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क्लाइटस की फ़ौलादी पकड़ में फ़्लैश का दम घुट रहा है. पर ऐन वक्त पर वह अपनी समस्त मानसिक शक्तियाँ बटोर कर सार्वत्रिक सत्ता के स्त्रोत का आवाह्न करता है और क्लाइटस पर आक्रमण करता है. मिंग के नापाक इरादों का सृजन क्लाइटस नष्ट हो जाता है. उधर फ़्लैश के साथी डॉ. जा़रकोव एक शांति-मिशन पर मोंगो पहुंचते हैं और मिंग का इलाज प्रारम्भ करते हैं. यह जानकर वे तथा अन्य साथी आश्चर्य से भर जाते हैं कि क्रूर मिंग को केवल 'जु़काम' हुआ था और चूंकि मोंगो गृह वासियों के शरीर में इसकी प्रतिरक्षा मौजूद नहीं है तो इस नयी बीमारी के लक्षणों से डरकर मिंग ने स्वयं को मशीनों के हवाले कर दिया था. डॉ. जा़रकोव की दवा से मिंग को आराम आ जाता है और वह पुनः गद्दी सम्भाल लेता है. तो इस प्रकार इस मिशन का अंत होता है जिसमें फ़्लैश और सहयोगी, परिस्तिथिवश, अपने दुश्मन मिंग की मदद करने पर बाध्य होते हैं. लेकिन मिंग के खजाने में अपना हिस्सा प्राप्त करने के अजूरा के सपने का अभी अंत नहीं हुआ है. विली वापस पृथ्वी पर लौट जाता है पर अजूरा, फ़्लैश को खजाने की खोज में चलने के लिये मना रही है. क्या फ़्लैश मानेगा?


(32 pages, 1200 px wide, 10.5 MB)

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5 टिप्पणियां:

मोहम्मद कासिम said...

hi good post u r welcome on my blog
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Anonymous said...

Hi, it is nice to go through ur blog...well written..by the way which typing tool are you using for typing in Hindi..?

i understand that, now a days typing in an Indian language is not a big task... recently, i was searching for the user friendly Indian language typing tool and found.. " quillpad". do u use the same..?

Heard that it is much more superior than the Google's indic transliteration...!?

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मोहम्मद कासिम said...

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jaihind1989 said...

Thanks a lot.

editor said...

You are doing a marvellous job. Have you seen on read the Flash Gordon comics in which he goes back in time to Atlantis, meets Naimu Hopaty and Sarit.

Also, apart from Ming, another eternal enemy who could travel in time and had an aircraft, he was Baron Dak Tula. If you remember or have the comics, please do share.